फेंग शुई Chinese में अर्थ है “wind water”, और यह हमारे स्वास्थ्य,
ऊर्जा और धन को लाभ पहुँचने के लिए “qi” नामक प्राक्रतिक
ऊर्जा को प्रसारित करने की विधि है। फेंग शुई के अनुसार हमारे रहने वाले या काम
करने वाके स्थान में वस्तुओं की उचित व्यवस्था अच्छी “qi” को
आकर्षित करती है और खराब “qi” को विक्षेपित (deflect) करती है।
वैज्ञानिकों की खोज के अनुसार, रंग मानव जीवन के मनोविज्ञान और शरीर विज्ञान को बहुत प्रभावित करते हैं।
फेंग शुई एक ऐसा अभ्यास है जो लोगों को अपने प्रवेश के साथ ऊर्जा को संरेखित करने
में मदद करता है।
फेंगशुई का इतिहास 3500 सालों से भी अधिक पुराना है। इसके कुछ
उपाय जैसे मछ्ली का जोड़ा, कछुआ, हाथी इत्यादि
कई बार मनुष्य के जीवन में सकारत्मक बदलाव लाने में सहायक साबित हुए हैं।
फेंग शुई के बेहद सरल उपाय और सटीक परिणामों ने आज इसे
दुनिया भर में आम जनता के बीच प्रसिद्ध बना दिया है। शहर के अपार्टमेंट जैसे छोटे, भीड़भाड़ वाले और खराब डिज़ाइन वाले छोटे आवास स्थान निवासियों को स्वस्थ्य, खुश और उनमें घर जैसा महसूस करना बहुत कठिन होता है।
फेंगशुई एक ऐसी व्यवस्था है जो मनुष्य एवं उसके भाग्य को
आस-पास के जीवन से जोड़ती है। यह निर्देश देती है कि कैसे भौतिक वातावरण हमारे ऊपर
प्रभाव डालता है और किस तरह इसमे परिवर्तन करके हम अपने जीवन में बदलाव ला सकते
हैं।
जीवन में कई बार ऐसा होता है कि घर बदलना हमारे लिए
दुर्भाग्यपूर्ण हो जाता है। क्यों होता है ऐसा? संभवत: मकान का
निर्माण या उसके आस-पास के वातावरण के कारण!
इस तरह हम जिस वातावरण में रहते हैं वह हमें प्रभावित करता
है और उस वातावरण से उचित संतुलन स्थापित करके हम अपने अच्छे भविष्य का निर्माण कर
सकते हैं। इसीलिए इस वास्तु शस्त्र के द्वारा आर्थिक स्थिति में सुधार, चरित्र का निर्माण और सुख-शांति का अनुभव किया जा सकता है। आवश्यकता है
इसके मूल सिद्धांतों को जानने की और इस जानकारी की कि इसे लागू कैसे किया जाए।
फेंगशुई के फायदे:
लोगों को अच्छे ढंग से काम करने और रहने लायक वातावरण बनाने
में मदद करने के लिए फेंगशुई एक बहुत प्रभावी उपकरण हो सकता है जो बहुत से
परिवर्तनों को भी ला सकता है। लेकिन लोगों को ये समझना होगा कि फेंगशुई कोई जादू
नहीं है, यह आपको लखपति या करोड़पति नहीं बना सकता। ऐसे लोगों से सावधान
रहें जो इस तरह के दावे करते हैं।
फेंगशुई में कछुए का महत्व और दोष निवारण के कारगर उपाय:
हिन्दू धर्म में भी कछुए का बहुत महत्व बड़ा है और इसे घर
में रखना शुभ एवं लाभदायक माना जाता है। मछ्ली और कछुआ दोनों ही हिन्दू धर्म में
शुभता का प्रतीक माना जाता है।
हिन्दू धर्म में कछुए को इसीलिए भी पवित्र माना जाता है
क्योंकि हिंदू धर्म के पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार, भगवान विष्णु ने
सृष्टि कि रक्षा के लिए कछुए का अवतार लिया था। भगवान विष्णु ने कछुए का अवतार
लेकर समुद्र-मंथन के समय मंदरांचल पर्वत को अपने कवच पर थामा था। इसीलिए अपने
व्यापार और घर में सुख-समृद्धि बनाए रखने
के लिए कछुआ रखना बहुत शुभ तथा मंगलकारी होता है।
वास्तु फेंगशुई और ज्योतिष शस्त्र के अनुसार वस्तु दोष निवारण के लिए कछुए को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। अगर आपके घर में किसी तरह की परेशानी, आर्थिक समस्या या फिर स्वास्थ्य समस्या होने से आप परेशान हैं तो कछुए के उपयोग से वास्तु दोष का निवारण किया जा सकता है। आइये जानिए कैसे?
1.
कछुआ लंबी उम्र का प्रतीक है इसीलिए अपने घर में घर में
कछुआ रखने से आपको लंबी उम्र प्रदान होगी।
2.
अगर आपके घर में कछुआ उपस्थित है तो समझ लीजिये कि आपकी
बीमारियों से और शत्रुओं से छुट्टी हो गई।
3. घर में मौजूद कछुआ आपको और आपके परिवार को बुरी नज़र से बचाता है और घर के सदस्यों में सुख-शांति बनी रहती है।
4.
कछुए को घर में रखने से नौकरी और परीक्षा में सफलता मिलती
है।
5.
नया व्यापार शुरू करते समय अपनी दुकान या ऑफिस में चाँदी का
कछुआ रखने से व्यापार में वृद्धि होती है और उतार-चढ़ाव कम आते हैं।
6.
घर के मुख्य द्वार पर कछुआ रखने से सुरक्षा मिलती है।
7.
ज्यादार घर में कछुए को “गुड लक” (Good Luck) के लिए रखा जाता है लेकिन अगर घर में मादा कछुआ जिसकी पीठ पर बचे कछुए
भी हो रखने से जिस घर में संतान ना हो या जो दंपति संतान-सुख से वंचित हो, उन्हे इस प्रकार का कछुआ घर में अवश्य रखना चाहिए।
8.
फेंगशुई के सिद्धांतों को अपनाकर जीवन में सुख समृद्धि से
परिपूर्ण बनाया जा सकता है। इससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है और लक्ष्मी
को भी सदा के लिए अपने घर में स्थापित किया जा सकता है।
किस धातु का कछुआ रखने से होगी धन में वृद्धि:
फेंगशुई घर में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और घर में
सकरात्मक ऊर्जा बढ़ता है। फेंगशुई में बहुत सी ऐसी चीज़ें बताई गई हैं जो घर में
रखना शुभ होता है। ऐसी ही एक शुभ चीज़ है धातु की कछुआ। बाज़ार में कई धातुओं के और
अलग-अलग प्रकार के कछुए मिलते हैं। यहाँ जानिए वस्तु के अनुसार किस धातु के कछुए
से हमें क्या-क्या लाभ प्राप्त हो सकते है।
चाँदी का कछुआ: व्यापार में तरक्की के लिए दुकान
में या मंदिर में चाँदी का कछुआ रखना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से किसी की बुरी
नज़र दुकान पर नहीं लगती और व्यापार में वृद्धि होती है।
मिट्टी का कछुआ: अगर आपके घर में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ है और घर में कोई ना कोई सदस्य बीमार रहता है तो घर में मिट्टी का कछुआ रखना सबसे अच्छा माना जाता है।
पीतल का कछुआ: पढ़ाई और नौकरी से जुड़ी समस्या को
दूर करने के लिए पीतल का कछुआ घर में रखने चाहिए।
कछुओं का जोड़ा: घर में सुख और शांति बनाए रखने के
लिए और पति-पत्नी में प्रेम बनाए रखने के लिए कछुओं का जोड़ा घर में अवश्य रखना
चाहिए।
क्रिस्टल का कछुआ: अगर अप
धन-संबंधी परेशानियों का सामना कर रहे हैं तो क्रिस्टल का कछुआ घर या दुकान में
रखना शुभ माना जाता है और लक्ष्मी को आकर्षित करता है। क्रिस्टल के कछुए को
आप तिजोरी में रख सकते हैं।
मादा कछुआ जिसकी पीठ पर बच्चे भी हों: बाज़ार
में एक ऐसा भी कछुआ मिलता है जिसकी पीठ पर छोटे-छोटे बच्चे भी होते हैं। ऐसा कछुआ
घर में रखने से संतान सुख मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
किस दिशा में फेंगशुई कछुआ रखना शुभ होता है:
1.
मिट्टी के कछुए को घर में हमेशा दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पूर्व
दिशा में रखें।
2.
क्रिस्टल के बने हुए कछुए को दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम
दिशा में ही रखें।
3.
कछुए की फ़ैमिली को हमेशा पूर्व दिशा में रखें।
4.
मेटल से बने कछुए को उत्तरी या उत्तरी-पश्चिमी दिशा में
रखें।
5.
घर के मुख्य द्वार पर पश्चिम की दिशा में कछुआ रखने से
सुरक्षा मिलती है।
6.
लकड़ी के कछुए को पूर्व या दक्षिण-पूर्व दिशा में ही रखें।
भूलकर भी ना रखें कछुए को घर में इस जगह:
फेंगशुई के अनुसार, कछुए को कभी भी अपने बेडरूम में नहीं रखना
चाहिए। ऐसा करना नुकसानदायक हो सकता है। इसका उल्टा प्रभाव आप पर पड़ सकता है।
फेंगशुई के अनुसार, कछुए की स्थापना हेतु सर्वोत्तम स्थान घर
का ड्राइंग रूम है।
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