हिन्दू धर्म की कथाओं में हनुमान जी को शक्ति, भक्ति, ज्ञान, बल, और वीरता का आदर्श माना जाता है। हनुमान जी माता अंजनी और वानर राज केसरी
के पुत्र हैं और पवन देव के भी पुत्र है, कई कथाओं के अनुसार
उन्होने हुनमान जी के जन्म में भूमिका निभाई। पवन देव के पुत्र होने कारण उन्हे
पवनपुत्र (Son of Wind) भी कहा जाता है। महादेव के ११वें रुद्रावतर
कहे जाने वाले हनुमान जी को संकटमोचन, बजरंगबली, मारुति-नंदन, केसरी, आदि
नामों से भी जाना जाता है।
ऐसी मान्यता है की हनुमान जी को चिरंजीवी (अमर) होने का
वरदान है, और वे कलयुग में भी मौजूद है।
मान्यता है कि जो भी श्री हनुमान चालीसा (Shri Hanuman Chalisa) का
प्रतिदिन पाठ करता है उसकी सभी परेशानियाँ
नष्ट हो जाती है ओर उसे किसी भी चीज़ का कोई भय नहीं रहता। श्री हनुमान जी को
प्रतिदिन याद करने से और मंत्र जाप करने से मनष्य को शांति मिलती है। तुलसीदास जी
द्वारा रचित “श्री हनुमान चालीसा” (Shri Hanuman Chalisa in hindi text) को
बहुत प्रभावशाली माना जाता आई।
मंगलवार का दिन हनुमान जी का दिन दिन माना जाता है। मंगलवार
को हनुमान चालीसा का पाठ (Hanuman Chalisa path hindi mai)
करने से अत्यंत लाभ प्राप्त होता है इसीलिए प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ जरूर
करना चाहिए।
हनुमान चालीसा को डौन्लोड करें (Download Hanuman Chalisa Lyrics Hindi pdf). आप हनुमान चालीसा की pdf file को download कर सकते है और print भी निकाल सकते हैं।
नीचे हमने हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa
original ) दिया है तथा उसका साथ हनुमान चालीसा का हिन्दी में अनुवाद भी किया है।
Shri Hanuman Chalisa Lyrics Meaning in Hindi
।।दोहा।।
श्री गुरु चरण
सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार |
बरनौ रघुवर बिमल जसु , जो दायक फल चारि ||
श्री गुरु
महाराज जी के चरण कमलों की धूली से अपने मन रूपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुबीर
के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो चारों फल- धर्म,
अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाले हैं।
बुद्धिहीन तनु
जानिके , सुमिरौ पवन कुमार |
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेश विकार ||
हे पवनकुमार!
मैं अपने को शरीर और बुद्धि से ही जान कर आपका ध्यान कर रहा हूँ। आप मुझे शारीरिक
बल, सद्बुद्धि एवं विद्या देकर मेरे दुखों व दोषों का नाश करने की
कृपा कीजिए।
।।चौपाई।।
जय हनुमान
ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिंहु लोक उजागर |
रामदूत अतुलित बल धामा अंजनि पुत्र पवन सुत नामा ||
ज्ञान और गुणों
के सागर श्री हनुमान जी की जय हो! आपका ज्ञान और गुण अथाह है। हे कपीश्वर, आपकी जय हो| तीनों लोक स्वर्ग लोक, भू लोक, और पाताल लोक में आपकी कीर्ति है। हे
पवनसुत अंजनीपुत्र श्री राम दूत हनुमान जी, आप अतुलित बल के
भंडार है।
महाबीर बिक्रम
बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी |
कंचन बरन बिराज सुबेसा, कान्हन कुण्डल कुंचित
केसा ||
हे महावीर
बजरंगबली, आप अनन्त पराक्रमी हैं। आप दुर्बुद्धि को दूर करते हैं और
सद्बुद्धि वालों के साथी हैं। आपके स्वर्ण के समान अंग पर सुंदर वस्त्र, कानों में कुंडल और घूंघराले बाल सुशोभित हो रहे हैं।
हाथ ब्रज और ध्वजा
विराजे कान्धे मूंज जनेऊ साजे |
शंकर सुवन केसरी नन्दन तेज प्रताप महा जग बन्दन ||
आपके हाथ में
वज्र और ध्वजा विराजमान है तथा कंधों पर मूंश का जनेऊ सुशोभित है। आप भगवान शंकर
के अवतार और केसरी नन्दन के नाम से प्रसिद्ध हैं। आप अति तेजस्वी प्रतापी तथा सारे
संसार के वंदनीय हैं।
विद्यावान गुनी
अति चातुर राम काज करिबे को आतुर |
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया रामलखन सीता मन बसिया ||
आप समस्त
विद्याओं से परिपूर्ण है आप गुणवान और अत्यंत चतुर है। आप श्री राम का कार्य करने
के लिए लालाईत रहते हैं। आप श्री राम की कथा सुनने के प्रेमी हैं और आप श्री राम, माता सीता और श्री लक्ष्मण जी के हृदय में बस्ते हैं।
भीम रूप धरि असुर संहारे रामचन्द्र के काज सवारे ||
आप सूक्ष्म रूप
में माता सीता जी के दर्शन करते हैं, और भयंकर रूप लेकर लंका का दहन करते हैं।
विशाल रूप लेकर राक्षसों का नाश करते हैं
और श्री राम जी के कार्यों में सहयोग करते हैं।
रघुपति कीन्हि बहुत बड़ाई तुम मम प्रिय भरत सम भाई ||
आपने संजीवनी
बूटी लाकर श्री लक्ष्मण के प्राणों की रक्षा की, श्री राम आपको
हर्ष से हृदय से लगते हैं। श्री राम आपकी बहुत प्रशंसा करते हैं और आपको श्री भारत
के समान अपना प्रिय भाई मानते हैं।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा नारद सारद सहित अहीसा ||
आपका यश हजारों
मुखों से गाने योग्य है, ऐसा कहकर श्री राम आपको गले से लगते हैं।
सनक आदि ऋषि, ब्रह्मा, आदि देव और मुनि, नारद, सरस्वती जी, और शेष जी।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा राम मिलाय राज पद दीन्हा ||
यम, कुबेर आदि दिगपाल भी आपके यश का वर्णन नहीं कर सकते हैं, फिर कवि और विद्वान कैसे आपका वर्णन कर सकते हैं। आपने सुग्रीव का उपकार
करते हुए उनको श्री राम से मिलवाया जिससे उनको राज्य प्राप्त हुआ।
जुग सहस्र जोजन पर भानु लील्यो ताहि मधुर फल जानु ||
आपकी युक्ति को
विभीषण जी ने माना और उसने लंका का राज्य प्राप्त किया, यह सारा संसार जनता है। आप सहस्त्र योजन दूर स्थित सूर्य को मीठा फल समझ
कर खा लेते हैं।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख मांहि जलधि लाँघ गये अचरज नाहिं |
दुर्गम काज जगत के जेते सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ||
प्रभु श्री राम
की अंगूठी को मुख में रखकर आपने समुन्द्र को लांघ लिया, आपके लिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है। इस संसार के सारे कठिन कार्य
आपकी कृपा से आसान हो जाते हैं।
राम दुआरे तुम रखवारे होत न आज्ञा बिनु पैसारे |
सब सुख लहे तुम्हारी सरना तुम रक्षक काहें को डरना ||
श्री राम तक
पहुँचने के द्वार की आप सुरक्षा करते हैं, आपके आदेश के बिना वहाँ किसी का प्रवेश
नहीं होता। आपकी शरण में सब सुख सुलभ हैं, जब आप रक्षक हैं
तब किसी से डरने की क्या ज़रूरत है।
आपन तेज सम्हारो आपे तीनों लोक हाँक ते काँपे |
भूत पिशाच निकट नहीं आवें महाबीर जब नाम सुनावें ||
अपने तेज को
केवल आप ही संभाल सकते हैं, तीनों लोक आपकी ललकार से काँपते हैं। केवल
आपका नाम सुनकर ही भूत, प्रेत और पिशाच पास नहीं आते हैं।
संकट ते हनुमान छुड़ावें मन क्रम बचन ध्यान जो लावें ||
महावीर हनुमान
जी का निरंतर नाम जाप करने से रोगों का नाश होता है और वे सारी पीड़ा और कष्टों को
दूर करते हैं। जो श्री हनुमान जी का मन, कर्म, और वचन से
स्मरण करता है, वे उसके सभी संकटों से रक्षा करते हैं।
और मनोरथ जो कोई लावे सोई अमित जीवन फल पावे ||
सबसे पर, श्री राम तपस्वी राजा हैं, आप उनके सभी कार्य बना
देते हैं। उनसे कोई भी इच्छा रखने वाले हैं, सभी लोग अनन्त
जीवन का फल प्राप्त करते हैं।
साधु संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे ||
आपका प्रताप
चारों युगों में विद्यमान रहता है, आपका प्रकाश सारे जगत में प्रसिद्ध है। आप
साधू-संतों की रक्षा करने वाले असुरों का विनाश करने वाले हैं और श्रीराम के प्रिय
हैं।
राम रसायन तुम्हरे पासा सदा रहो रघुपति के दासा ||
आप आठ
सिद्धियों और नौं निधियों को देने वाले हैं, आपको ऐसा वरदान माता सीता जी ने दिया है। आपके
पास श्री राम नाम का रसायन है, आप सदा श्री राम के सेवक बने
रहें।
अन्त काल रघुबर पुर जाई जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई ||
आपके भजन से
जन्म-जन्मांतर के दुख भूलकर भक्त श्री राम को प्राप्त करते हैं। अंतिम समय में
मनुष्य श्री राम धाम में जाता है और वहाँ जन्म लेकर हरी का भक्त कहलता हैं।
और देवता चित्त न धरई हनुमत सेई सर्व सुख करई |
संकट कटे मिटे सब पीरा जपत निरन्तर हनुमत बलबीरा ||
दूसरे देवताओं
को मन में ना रखते हुए श्री हनुमान से ही सभी सुखों की प्राप्ति हो जाती है। जो
महावीर हनुमान जी का नाम स्मरण करता है, उसके संकटों का नाश हो जाता है और सारी
पीड़ा खत्म हो जाती है।
जो सत बार पाठ कर कोई छूटई बन्दि महासुख होई ||
भक्तों की
रक्षा करने वाले श्री हनुमान जी की जय हो, जय हो, जय हो, आप मुझ पर गुरु की तरह कृपा करें। जो कोई इसका सौ बार पाठ करता है वह
जन्म-मृयु के बंधन से मुक्त होकर महासुख को प्राप्त करता है।
तुलसीदास सदा हरि चेरा कीजै नाथ हृदय मँह डेरा ||
जो कोई इस श्री
हनुमान चालीसा जी का पाठ करता है, उसको सिद्धि प्राप्त होती है, इसके साक्षी भगवान शंकर है। श्री तुलसीदास जी कहते हैं, मैं सदा श्री राम का सेवक हूँ, हे स्वामी! आप मेरे हृदय में निवास कीजिए।
पवन तनय संकट हरन मंगल मूरति रूप |
राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप ||
पवनपुत्र, संकटमोचन, मंगलमूर्ति श्री हनुमान जी आप देवताओं के
ईश्वर श्री राम माता सीता जी और श्री लक्ष्मण जी के साथ मेरे हृदया में निवास
कीजिए।
Shri Hanuman Chalisa in English
DOHA
Shri Guru Charan Saroj Raj, Nij Man Mukuru Sudhari
Barnau Raghubar Bimal Jasu, Jo Dayaku Fal Chari
Budhi Heen Tanu Janike, Sumiro Pawankumar
Bal Budhi Vidya Dehu Mohi Harhu Kalesh Vikar
CHOUPAI
Jai Hanuman Gyan Gun Sagar
Jai Kapis Tihu Lok Ujagar
Ram Doot Atulit Baldhama
Anjaniputra Pawansut Nama
Mahavir Bikram Bajrangi
Kumati Nivar Sumati Ke Sangi
Kanchan Baran Viraj Subes
Kanan Kundal Kunchit Kesa
Hath Bajra Or Dhwaja Viraje
Kandhe Moonj Janeu Saaje
Shankar Suvan Kesari Nandan
Tej Pratap Mahajag Bandhan
Vidyawan Guni Aati Chatur
Ram Kaj Karibe Ko Atur
Prabhu Charitra Sunibe Ko Rasiya
Ram Lakhan Sita Man Basiya
Sooksham Roop Dhari Sinyahi Dikhawa
Bikat Roop Dhari Lank Jarawa
Bheem Roop Dhari Asur Sanhare
Ramchandra Ke Kaaj Sanware
Laye Sanjeevan Lakhan Jiyaye
Shri Raghubir Harshi Ur Laaye
Raghpati Kinhi Bahut Badai
Tum Mum Priya Bhartahi Sam Bhai
Sahas Badan Tumharo Yash Gaave
As Kahi Shripati Kanth Lagave
Sankadik Brahmadi Munisa
Narad Sarad Sahit Ahisa
Jam Kuber Digpal Jahan Te
Kavi Kovid Kahi Sake Kaha Te
Tum Upkar Sugrivahi Kinha
Ram Milaye Rajpad Dinha
Tumharo Mantra Vibhishan Mana
Lankeshwar Bhaye Sab Jag Jana
Jug Sah-Stra Yojan Par Bhanu
Lilyo Tahi Madhur Fal Janu
Prabhu Mudrika Meli Mukh Mahi
Jaldhi Langhi Gaye acharaj Nahi
Durgam Kaaj Jagat Ke Jete
Sugam Anugraha Tumhare Tete
Ram Dware Tum Rakhware
Hoot Na Aagya Binu Paisare
Sab Sukh Lahe Tumhari Sarna
Tum Rakshak Kahu ko darna
Apan Tej Samharo Aape
Teeno Lok Haank Te Kaanpe
Bhoot Pisach Nikat Nahi Aave
Mahavir Jab Naam Sunave
Naase Rog Hare Sab Peera
Jo Sumerai Hanumat balbira
Sankat Te Hanuman Chudave
Man Karam Vachan Dhyan Jo Laave
Sab Par Ram Tapasvi Raja
Tinke Kaaj Sakal Tum Saaja
Or Manorath Jo Koi Laave
Soi Amit Jeevan Fal Paave
Charon Jug Partap Tumhara
Hai Parsidh Jagat Ujiara
Sadhu-Saint Ke Tum Rakhware
Asur Nikandan Ram Dulare
Asht Sidhi Noo Nidhi ke Daata
As var Din Janki Mata
Ram Rasayan Tumhare Paasa
Sadaa Raho Raghupati Ke Daasa
Tumhare Bhajan Ram Ko Paave
Janam Janam Ke Dukh Bisrave
Antkaal Raghubar Pur Jayi
Jaha Janam Hari Bhakt Kahayi
Or Devta Chitt Na Dharayi
Hanumat Seyi Sarv Sukh Karayi
Sankat Kate Mite Sab peera
Jo Sumerai Hanumat Balbira
Jai Jai Jai Hanuman Gosai
Kripa Karahu Gurudev Ki Naai
Jo Shat Baar Path Kar Koi
Chootahi Bandi Mahasukh Hoyi
Jo Yeh Padhe Hanuman Chalisa
Hoya Sidhi Sakhi Gorisa
TulsiDas Sada Hari Chera
Kije Nath Hridya Mah Dera
Pavantanaya Sankat Haran, MangalMurti Roop
Ram Lakhan Sita Sahit, Hridya Basahu Sur Bhoop
प्रतिदिन श्री हनुमान चालीसा पढ़ने के लाभ (Benefits
of Shree Hanuman Chalisa)
- वैसे तो श्री हनुमान चालीसा का पाठ हिन्दू धर्म के सभी श्रद्धालु मंगलवार या शनिवार को करते हैं। लेकिन प्रतिदिन हनुमान चालीसा के पाठ से भक्तों की सभी कामनाएँ कुछ ही दिनों में पूर्ण हो जाती है।
- हनुमान जी को प्रतिदिन याद करने से और हनुमान चालीसा का जाप करने से मनुष्य के सभी दुख नाश हो जाते हैं।
- प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ हिन्दी में (hanuman
chalisa path hindi mai) करने से हनुमान जी भूत-प्रेतों से रक्षा
करते हैं।
- शनि की साढ़ेसाती से पीड़ित व्यक्ति के लिए श्री हनुमान चालीसा का जाप करना लाभदायक माना जाता है।
- जिनकी कुंडली में मांगलिक दोष हो, हनुमान चालीसा का पाठ करने से अत्यंत लाभ प्राप्त होता है और सभी
मनोकामनाएँ पूर्ण हो जाती हैं।
- हनुमान चालीसा का जप करने से हर तरह की बीमारी दूर होती है।
- रोजाना हनुमान जी को याद करने से बुद्धि तेज होती है और धन संबंधी सभी दुख दूर हो जाते हैं।
श्री हनुमान चालीसा के रचयिता कौन हैं? Who wrote
Shree Hanuman Chalisa?
- श्री हनुमान चालीसा के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी हैं। तुलसीदास जी हिन्दी साहित्य के महान कवि थे। तुलसीदास जी को अपने प्रसिद्ध कविताओं और दोहों के लिए जाना जाता है। उनके द्वारा लिखित श्री रामचरित मानस पूरे विश्व में अत्यंत लोकप्रिय है।
- तुलसीदास जी श्री राम के अनन्य भक्त थे। वे सोते-जागते बस श्री राम की भक्ति में लीन रहते थे।
- तुलसीदास जी ने अपनी कई रचनाओं में उल्लेख भी किया है कि हनुमान जी के आशीर्वाद के कारण ही उन्हे श्री राम के दर्शन प्राप्त हुए।
- मान्यता है की कलयुग में श्री राम, लक्ष्मण और हनुमान जी को प्रत्यक्ष देखने का सोभाग्य केवल तुलसीदास जी को मिला। कहते हैं कि श्री रामचरित मानस लिखने का मार्गदर्शन उन्हे श्री हनुमान जी ने ही दिया था। तुलसीदास जी को श्री रामचरित मानस को पूरा करने में 2 साल 7 महीने और 26 दिन लगे थे।
- भगवान राम कि अटूट भक्ति और हनुमान जी के आशीर्वाद से तुलसीदास जी को चित्रकूट के अस्सी घाट में भगवान श्री राम के अद्भुत दर्शन प्राप्त हुए।
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